PM मोदी के फोन से माने पुतिन और जेलेंस्की, दो बार रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाया; जयशंकर का दावा…
लोकसभा चुनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक इंटरव्यू में कई अहम मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।
उन्होंने पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके से लेकर, गाजा में बमबारी और राष्ट्रीय राजनीति से जुड़े सवालों के जवाब दिए। जयशंकर ने बताया कि कैसे पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन युद्ध को एक नहीं दो बार फोन करके रुकवाया।
उन्होंने यह भी बताया कि पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहते थे लेकिन, पीएम मोदी ने उन्हें मनाया। जयशंकर ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन वाली एनडीए के 400 सीट जीतने की भी भविष्यवाणी की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टाइम्स नाऊ को दिए इंटरव्यू में कहा कि यह पहली बार था जब किसी देश ने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को एक नहीं दो बार रोकने में सफलता हासिल की।
उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वतन लाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था और कामयाबी हासिल की।
पश्चिम और रूस को एक मंच पर लाए
जयशंकर ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन में संकट एक ज्वलंत मुद्दा था। हमारा मुख्य मकसद था सभी देशों को एक मंच पर लाया जाए।
अब सबसे बड़ी समस्या थी रूस और पश्चिम को एक साथ मंच पर लाना। पश्चिम और रूस के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं और चीन का झुकाव रूस की तरफ है।
हम किसी भी कीमत पर जी 20 को सफल बनाना चाहते थे। हमारे लिए शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले के दो दिन बेहद तनावपूर्ण थे। हम 2-3 दिन तक नहीं सोए और लगातार बात करके सम्मेलन को सफल बनाने की कोशिश कर रहे थे और हमने इसमें सफलता भी हासिल की।
पीएम मोदी के एक फोन से पुतिन ने रुकवाई गोलीबारी
जयशंकर ने बताया कि अगर आप मुझसे यूक्रेन और रूस युद्ध रोकने की बात करेंगे तो मैं इसका गवाह हूं। हमने एक नहीं दो बार ऐसा काम करके दिखाया है।
पहली बार 5 मार्च को, जब हमारे छात्र यूक्रेन में निकटतम सुरक्षित जगह की ओर जा रहे थे और भारी गोलीबारी हो रही थी। तब पीएम मोदी ने व्लादिमीर पुतिन को फोन किया और हमारे छात्रों के लिए रास्ता बनाने के लिए गोलीबारी रोकने को कहा। पीएम मोदी के अनुरोध पर रूसी सेना ने गोलीबारी रोकी और हमारे लोग वतन लौट सके।
यूक्रेन में भारत की दूसरी कोशिश भी रही सफल
जयशंकर ने आगे बताया कि अगली सफल कोशिश 8 मार्च थी। यूक्रेन, रूस और मिलिशिया के बीच लड़ाई चल रही थी। हमारे छात्र उस युद्धग्रस्त क्षेत्र को छोड़ना चाहते थे और हमने संघर्ष रोकने की भी कोशिश की।
लेकिन, प्रयास सफल नहीं हो रहे थे। जैसे ही हमारे छात्र बस पर सवार होते, गोलीबारी शुरू हो जाती। फिर छात्रों को वापस अपनी जगह लौटना पड़ता।
इसलिए हम पीएम मोदी से मिले और छात्रों की सुरक्षा के लिए सुझाव दिया। हम चाहते थे कि दिल्ली से कुछ अधिकारी वहां जाएं और छात्रों का मनोबल बढ़ाए।
तब पीएम मोदी ने पुतिन और यू्क्रेनी राष्ट्रपति वलोडोमिर जेंलेस्की से फोन पर बात की और अपने छात्रों के लिए रास्ता बनाया। गोलीबारी रोकी गई और हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित रास्ता बनाया गया।
आपातकाल के बाद जब पहली बार मतदान किया
जयशंकर ने लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान करने वाले लोगों को अपने संदेश में कहा कि उन्हें आज भी याद है जब उन्होंने पहली बार मतदान किया।
आपातकाल के बाद 1977 में वो पहला चुनाव था। मुझे आज भी याद है और हम उस वक्त कॉलेज में थे। हमने अपना मन बना लिया था और मुझे लगता है कि आप लोगों ने भी अपना मन बना लिया होगा।