विदेश

माफ कर दो; गाजा में फिर मारे गए निर्दोष तो बैकफुट पर आया इजरायल, भड़के अमेरिका और ब्रिटेन…

हमास आतंकियों के खिलाफ जंग में इजरायली सेना गाजा शहर पर इस कदर कहर बरपा रही है कि उसके हमले में निर्दोषों की भी जान जा रही है।

गाजा पर नए अटैक में आईडीएफ ने अमेरिकी एनजीओ के 6 समेत कुल सात लोगों की जान ले ली। इन लोगों में भारतीय मूल की एक महिला भी थी।

मरने वालों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के लोग भी थे। इजरायल के इस हमले पर अमेरिका और ब्रिटेन भड़के हुए हैं।  अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हमले को त्रासदी बताया है।

ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। हमले के बाद चौतरफा घिरे इजरायल के सेना प्रमुख ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है।
 
रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल द्वारा गाजा में किए गए हवाई हमले में ‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन’ के छह अंतरराष्ट्रीय सहायताकर्मियों की मौत हो गई।

इसके अलावा एक फिलीस्तीनी ड्राइवर भी मारा गया है। मरने वालों में भारतीय मूल की एक महिला लालजावमी फ्रैंककॉम भी थीं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने पुष्टि की कि मारे गए लोगों में 43 वर्षीय फ्रैंककॉम भी शामिल हैं और उन्होंने इजराइल सरकार से इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेने की मांग की।

गाजा के लोगों की मदद कर रहे एनजीओ कर्मी
उन्होंने कहा, ‘‘वर्ल्ड सेंट्रल किचन के मारे गए छह अंतरराष्ट्रीय सहायता कर्मी युद्धग्रस्त गाजा क्षेत्र में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए काम कर रहे थे। यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता कि युद्ध में उन लोगों को मार दिया गया, जो राहत का काम कर रहे थे।”

नेतन्याहू ने ली हमले की जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई पिता और मिजो मां से जन्मी फ्रैंककॉम युद्धग्रस्त उत्तरी गाजा के लोगों को राहत पहुंचाने के मिशन पर काम कर रही थीं, लेकिन सोमवार देर रात उनके काफिले पर किए गए इजराइली हवाई हमले में उनकी मृत्यु हो गई।

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी स्वीकार किया कि ये हमला इजराइली बलों द्वारा किया गया था। इस हमले में मारे गए सात लोग ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, ब्रिटेन, फिलस्तीनी, अमेरिका और कनाडा के नागरिक हैं।

भड़के अमेरिका और ब्रिटेन तो आईडीएफ ने माफी मांगी
इजरायल के इस हमले को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने भी नाराजगी जताई है। अमेरिका भी अपने दोस्त इजरायल की इस हरकत पर नाराज है।

उधर, ब्रिटेन पीएम ऋषि सुनक ने मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि गाजा में मानवीय काफिले पर हालिया आईडीएफ का हमला कोई नई घटना नहीं है। यह घटना दर्शाती है कि इजरायल हमास के खिलाफ युद्ध में सहायता कर्मियों और फिलिस्तीनी नागरिकों की पर्याप्त सुरक्षा करने में विफल रहा है।

कल गाजा में एक अमेरिकी सहित वर्ल्ड सेंट्रल किचन के सात लोगों की मौत से मैं दुखी हूं। वे युद्ध के बीच भूखे नागरिकों को भोजन उपलब्ध करा रहे थे। वे बहादुर और निस्वार्थ थे। उनकी मौतें एक त्रासदी हैं।

उधर, हमले के बाद चौतरफा घिरे आईडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ हरजी हलेवी ने गाजा में अमेरिकी एनजीओ से जुड़े सात लोगों की मौत पर माफी जारी की। उन्होंने कहा कि यह सबकुछ गलत पहचान के कारण हुआ। हमे लगा कि वे हमास आतंकियों से जुड़े थे लेकिन, मामले की जांच की जा रही है।

ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब गाजा पर हमले के दौरान आईडीएफ के हाथों निर्दोषों की जान गई हो। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, हमास के खिलाफ जंग में इजरायल 30 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। इसमें 70 फीसदी महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।

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