भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार को एक करोड़ अनुग्रह राशि का प्रावधान
सैनिकों और उनके परिजन के कल्याण के लिए दी गई अनेक मंजूरियां
प्रदेश के स्थापना दिवस पर होगा आर्मी-शो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य सैनिक बोर्ड की 20वीं बैठक
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राष्ट्र रक्षा के लिए शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को शासन द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता निश्चित समय में प्रदान की जाएगी। सेना द्वारा गठित बोर्ड से सैनिकों के युद्ध या युद्ध के लिए जाते हुए और अन्य कारणों से हादसों में शहादत पर स्वीकृत प्रकरणों में प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण, उनके परिवार के हितों का संरक्षण एवं संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश की स्थापना दिवस एक नवम्बर पर सेना द्वारा विशेष शो “नो अवर आर्मी “(know our Army) आयोजित करने के निर्देश दिए। साथ ही राजधानी भोपाल में वायुसेना द्वारा एयर-शो के लिए भी तिथि निर्धारित करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री एवं राज्य सैनिक बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में राज्य सैनिक बोर्ड की 20वीं बैठक ली। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती वीरा राणा, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री एस.एन. मिश्रा, मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल सहित सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग के अधिकारी, मध्य भारत क्षेत्र के जी.ओ.सी. लेफ्टिनेंट जनरल जबलपुर श्री पी.एस. शेखावत, ब्रिगेडियर एस.एन तिवारी प्रतिनिधि कमांडिंग इन चीफ मध्य कमान लखनऊ, पदेन सचिव राज्य सैनिक बोर्ड ब्रिगेडियर (से.नि.) अरूण नायर सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में सैनिकों और सैनिक परिवारों के हित में महत्वपूर्ण स्वीकृतियां प्रदान कीं। इनमें युद्ध या सैनिक कार्यवाही में दिव्यांग होने पर दी जाने वाली राशि 10 लाख से बढ़ाकर दिव्यांगता प्रतिशत के आधार पर एक करोड़ रूपए तक करने, शहीद के माता-पिता को मिलने वाले मासिक अनुदान को दोगुना करने, शहीद और दिव्यांग सैनिकों की बहन और बेटी के विवाह के लिए 10 हजार के स्थान पर 51 हजार की राशि देने, सैनिक परिवार के मध्यप्रदेश निवासी माता-पिता जिनकी पुत्री सशस्त्र सेना में उसे भी प्रतिवर्ष 10 हजार के स्थान पर दोगुनी सम्मान निधि देने के निर्णय शामिल हैं।
बैठक की शुरूआत में सचिव श्री अरूण नायर ने राज्य सैनिक बोर्ड की वर्ष 2018 में हुई 19वीं बैठक में लिए गए निर्णयों का पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मध्यप्रदेश निवासी शौर्य अलंकरण एवं विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को दी जाने वाली राशि में शासन द्वारा 30 मार्च 2023 को आदेश जारी कर वृध्दि की गई है। सैनिक विश्राम गृह बैतूल का निर्माण कार्य भी पूरा किया जा चुका है। मध्यप्रदेश में करीब 70 हजार भूतपूर्व सैनिक, 30 हजार वर्तमान सैनिकों के साथ ही सैनिक परिवारों के सदस्यों की संख्या मिलाकर लगभग 4 लाख लोग निवास कर रहे हैं। प्रदेश में 24 जिला सैनिक कार्यालय कार्यरत हैं। सैनिकों की रहवास सुविधा के लिए 17 आराम गृह भी संचालित हैं।
अब इस प्रकार मिलेगी वित्तीय सहायता-
म.प्र. निवासी माता पिता जिनकी पुत्री सशस्त्र सेना में हैं को 10 हजार रूपए प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 20 हजार रूपए प्रतिवर्ष सम्मान निधि दी जाएगी।
युद्ध अथवा सैनिक कार्यवाही, आतंकवादी तथा आंतरिक सुरक्षा के दौरान दिव्यांग होने पर 10 लाख रूपए (दिव्यांगता प्रतिशत के आधार पर) बढ़ाकर एक करोड़ रूपए तक किया जाएगा।
युद्ध अथवा सैनिक कार्यवाही, आतंकवाद तथा आंतरिक सुरक्षा के दौरान शहीद/दिव्यांरग की बहन/बेटी के विवाह के लिए 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 51 हजार रूपए किया जाएगा।
शहीदों के माता-पिता को पाँच रूपए प्रतिमाह अनुदान को बढ़ाकर दस हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को एक करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान करने का आवश्यक शासनादेश जारी करने, युद्ध/सैनिक कार्रवाई में सेना द्वारा घोषित बैटल कैज्युल्टी की मान्यता को आधार मानकर राज्य सहायता देने, गन लाइसेंस में समय-सीमा का अनिवार्यतः पालन सुनिश्चित करने तथा लाइसेंस नवीनीकरण नि:शुल्क करने के लिए परीक्षण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने द्वितीय विश्व युद्ध के नान पेंशनर्स पूर्व सैनिकों एवं विधवाओं की मासिक सहायता राशि आठ हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने, शहडोल में जिला सैनिक विश्राम गृह एवं कल्याण कार्यालय निर्माण के संबंध में भी परीक्षण के उपरांत आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।