छत्तीसगढ़ से माओवादी समस्या के समूल उन्मूलन पर दिया गया जोर
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज सर्किट हाउस रायपुर में आयोजित यूनिफाईड कमाण्ड की बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में माओवादी गतिविधियों में निरन्तर कमी आ रही है। राज्य में केन्द्रीय सुरक्षा बलों और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा बेहतर तालमेल के साथ माओवादियों के विरूद्ध सफलतापूर्वक चलाये जा रहे संयुक्त अभियान के कारण यह संभव हो सका है। माओवादियों के विरूद्ध चलाये जा रहे सघन अभियान के साथ-साथ शासन की नवीन ‘‘नियद नेल्लानार योजना‘‘ के तहत विकास कार्यों में भी तेजी लायी जा रही है, जिससे आम जनता का शासन व प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए सुचारू आवागमन हेतु सड़क, पुल-पुलियों एवं अन्य शासकीय निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में संचालित निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा किये जाने हेतु आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के भी निर्देश मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा दिये गये।
बैठक में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाये जाने तथा स्थानीय ग्रामीणों को विश्वास में लेकर माओवाद के विरूद्ध अभियान चलाने के निर्देश दिये गये। साथ ही माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में तैनात केन्द्रीय और राज्य के सुरक्षा बलों के जवानों की समस्याओं को लेकर भी चर्चा की गई तथा सुरक्षा बलों के कैम्पों में जवानों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती राज्यों विशेषतः महाराष्ट्र, तेलंगाना, आन्ध्रप्रदेश और उड़ीसा के साथ बेहतर समन्वय, सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त कार्यवाही, सम्पर्क मार्गों पर सुरक्षा बलों द्वारा सतत निगरानी के निर्देश दिये गये और सीमावर्ती राज्यों के साथ सूचनाओं को साझा किये जाने पर भी जोर दिया गया। साथ ही यह भी निर्देश दिये गये कि माओवादियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान में यह सुनिश्चित किया जाए कि स्थानीय ग्रामीणों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।
बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, अपर मुख्य सचिव (गृह) श्री मनोज पिंगुआ, केन्द्रीय गृह मंत्रालय तथा राज्य शासन, केन्द्रीय सुरक्षा बलों एवं राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न विकास एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।