दुनिया में हर चौथा बच्चा भुखमरी का शिकार, भारत से बेहतर पाकिस्तान; UNICEF की चौंकाने वाली रिपोर्ट…
चाइल्ड पॉवर्टी को लेकर यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट जारी की है।
जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। भारत दुनिया के सबसे खराब देशों में शामिल है, जहां बच्चों को उचित आहार नहीं मिल पाता। भारत से बेहतर स्थिति पाकिस्तान की है।
दक्षिण एशियाई देशों की बात करें तो चाइल्ड पॉवर्टी में भारत से खऱाब हालात अफगानिस्तान में हैं। रिपोर्ट बताती है कि दुनिया का हर चौथा बच्चा भुखमरी का शिकार है और अच्छे आहार के लिए संघर्ष कर रहा है।
181 मिलियन बच्चों में 65 फीसदी गंभीर भुखमरी में जीने को मजबूर हैं।
यूनिसेफ के आंकड़े बताते हैं कि विश्व स्तर पर 4 में से 1 बच्चा गंभीर श्रेणी में आता है और वह बहुत खराब आहार पर जीवन जी रहा है।
यूनिसेफ ने ‘चाइल्ड न्यूट्रीटन रिपोर्ट 2024’ में 92 देशों पर रिसर्च किया। यूनिसेफ की बाल खाद्य गरीबी को लेकर जारी रिपोर्ट में 5 वर्ष तक के बच्चों को शामिल किया जाता है।
यह पता लगाया जाता है कि बच्चों को पौष्टिक और विविध आहार मिल पा रहा है या नहीं? गंभीर बाल खाद्य गरीबी में “बच्चों के लिए खराब भोजन, खराब माहौल और बच्चों और उनके परिवारों को प्रभावित करने वाली घरेलू आय भी शामिल है। इस रिपोर्ट में गरीब और उससे ऊपर जीने वाले दोनों परिवारों को लेकर शामिल किया जाता है।
भारत कहां खड़ा है?
रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर बाल खाद्य गरीबी में रहने वाले बच्चों का प्रतिशत बेलारूस में 1% से लेकर सोमालिया में 63% प्रतिशत तक है। सोमालिया के बाद गिनी (54%), गिनी-बिसाऊ (53%), अफगानिस्तान (49%), सिएरा लियोन (47%), इथियोपिया (46%) और लाइबेरिया (43%) में सबसे बुरे हालात हैं। भारत में चाइल्ड पॉवर्टी का आंकड़ा 40% है जो बहुत गंभीर श्रेणी में आता है।
भारत से बेहतर स्थिति पाकिस्तान की है, यहां 38 फीसदी बच्चे भुखमरी का शिकार हैं। रिपोर्ट से पता चला है कि भारत उन 20 देशों में से एक है, जहां बच्चों को जरूरी पोषक आहार नहीं मिल पा रहा है। भारत के साथ इस श्रेणी में अफगानिस्तान और पाकिस्तान भी शामिल हैं।
अफगानिस्तान से थोड़ा बेहतर हम
रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 5 वर्ष से कम आयु के 3 में से 2 बच्चे (66%) भुखमरी का शिकार हैं। यह अनुमानित 440 मिलियन बच्चों के बराबर है, जिन्हें पौष्टिक और उचित आहार नहीं मिल पा रहा है।
भारत को लेकर रिपोर्ट इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि गंभीर बाल खाद्य गरीबी की श्रेणी में 40 प्रतिशत के अलावा 36 प्रतिशत बच्चे भारत में मध्यम बाल खाद्य गरीबी की चपेट में हैं।
इस हिसाब से दोनों का आंकड़ा मिलाकर 76 प्रतिशत तक पहुंचता है, जो बताता है कि दक्षिण एशिया में भारत अफगानिस्तान के बाद दूसरा सबसे खराब देश है।
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