रायपुर.
छत्तीसगढ़ बीजेपी के दिग्गज नेता, मंत्री और रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राजधानी रायपुर के मौलश्री विहार स्थित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के निवास पर जाकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। बता दें कि रायपुर सांसद बनने के बाद उन्हें 18 जून तक अपने पद से इस्तीफा देना था।
चुनाव आयोग ने कहा था कि वो 18 जून तक विधायक पद से इस्तीफा दे दें नहीं तो आयोग खुद ही इसे निरस्त कर रायपुर दक्षिण सीट पर चुनाव कराने की घोषणा करेगा। चर्चा है कि नगरीय निकाय चुनाव के समय ही रायपुर दक्षिण सीट पर चुनाव कराये जाएंगे। विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव 2024 में भी बृजमोहन अग्रवाल ने रिकॉर्ड जीत का परचम लहराया है। उन्होंने रायपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विकास उपाध्याय को हराया है। उन्होंने उपाध्याय को 5 लाख 75 हजार 285 वोटों से हराया है। बृजमोहन को कुल 10 लाख 50 हजार 351 वोट मिले हैं। वहीं विकास उपाध्याय को 4 लाख 75 हजार 66 वोट मिले हैं। इस तरह जीत का अंतर 5 लाख 75 हजार 285 रहा। कुल वोट का प्रतिशत 66.19 रहा।
8 बार के विधायक हैं बृजमोहन अग्रवाल
बीजेपी ने रायपुर लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद सुनील कुमार सोनी का टिकट काटकर उनकी जगह 8 बार के विधायक और उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को दिया है। बृजमोहन रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से लगातार विधायकी का चुनाव जीतते आ रहे हैं। हर बार मंत्री पद पर आसीन रहे हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ बीजेपी की राजनीति में संकटमोचन कहा जाता है। बृजमोहन अग्रवाल अविभाजित मध्य प्रदेश में पटवा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इसके बाद वो रमन सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्री रहे। एक मई 1959 को रायपुर में जन्मे बृजमोहन अग्रवाल ने एलएलबी की डिग्री ली है। मध्य प्रदेश विधानसभा में उन्हें सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार भी मिल चुका है। साल 1977 में बृजमोहन ने मात्र 16 साल की उम्र में ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली थी। इसके बाद वर्ष 1981 और 1982 के दौरान वे छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। 1984 में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली। फिर 1988 से 1990 तक वे भाजयुमो के युवा मंत्री रहे। साल 1990 में पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक के लिये निर्वाचित हुए। उस दौरान वो राज्य के सबसे युवा विधायक थे। इसके बाद वे लगातार साल 1993, 1998, 2003, 2008, 2013 2018 और 2023 में विधायक बने।