छत्तीसगढ़राज्य

बोहरडीह गांव में वर्षा जल संचयन और बारहमासी जल आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एसीसी चिल्हाटी साइट पर अदाणी फाउंडेशन ने 7 तालाबों को जोड़ा

  • बोहरडीह गांव में वर्षा जल संचयन और बारहमासी जल आपूर्ति को बढ़ाने के लिए एसीसी चिल्हाटी साइट पर अदाणी फाउंडेशन ने 7 तालाबों को जोड़ा
  • छत्तीसगढ़ के बोहरडीह में 7 छोटे तालाबों को जोड़ने के लिए एसीसी और अदाणी फाउंडेशन ने 1.32 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी खोदी
  • वर्षा जल संचयन के लिए विकसित किए गए 33,000 वर्ग मीटर के 20 तालाबों के बांधों से 1,200 ग्रामीणों को दैनिक जरूरतों के लिए पानी मिलेगा।
  • गांव के 60 किसानों की 70 एकड़ कृषि भूमि को वर्षा जल संचयन से सीधे लाभ मिलेगा
  • सात जल निकायों को जोड़ने के लिए 14 इनलेट और आउटलेट बनाए गए।

रायपुर
 विविध कारोबार वाले अदाणी पोर्टफोलियो की सीमेंट और निर्माण सामग्री कंपनी एसीसी लिमिटेड, जल संरक्षण को बढ़ावा देने और अपने परिचालन वाले ग्रामीण समुदायों के लिए जल पहुंच बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। एसीसी ने अदाणी फाउंडेशन के साथ मिलकर हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एसीसी चिल्हाटी स्थल के पास बोहारडीह गांव के निवासियों के लिए वर्षा जल संचयन बढ़ाने के लिए मौसमी तालाबों को जोड़ने और तालाब की मेड़ जोड़ने के लिए ‘सप्त सरोवर’ परियोजना पूरी की है।

मस्तूरी तहसील के बोहारडीह गांव में सात ऐसे उथले तालाब थे, जिनके किनारे क्षतिग्रस्त हो जाते थे और मानसून के दौरान ओवरफ्लो हो जाते थे। इसके कारण, शुष्क महीनों के दौरान, तालाब अपनी पूरी क्षमता के साथ पानी को संग्रहीत करने में सक्षम नहीं होते थे, जिससे इस ग्रामीण समुदाय के दैनिक जीवन पर गंभीर प्रभाव पड़ता था। साथ ही, मवेशियों के सामने भी जल संकट उत्पन्न होता था और फसलों के लिए भी पानी की कमी हो जाती थी। इस गंभीर मुद्दे की पहचान करते हुए एसीसी की सीएसआर टीमों ने न केवल तालाबों की जल धारण क्षमता बढ़ाने के लिए, बल्कि ग्रामीणों के लिए पानी की बारहमासी आपूर्ति प्रदान करने के लिए एक समेकित समाधान पर निर्णय लिया।

इस मिशन के साथ, इन सात तालाबों को गहरा करने के लिए 1.32 लाख क्यूबिक मीटर मिट्टी खोदी गई। इन बांधों का कुल क्षेत्रफल 33,000 वर्ग मीटर है। इस परियोजना के जरिये लगभग 1,200 ग्रामीणों को दैनिक उपयोग के लिए बारहमासी जल पहुंच का प्रावधान हो सकेगा। साथ ही इस क्षेत्र के जल आपूर्ति परिदृश्य में भी महत्वपूर्ण रूप से बदलाव लाने में कामयाबी मिलेगी। इस तरह यहां 60 किसानों की 70 एकड़ कृषि भूमि भी इस स्थायी जल समाधान से लाभान्वित होगी।

इसके अलावा, अब संबंधित पंचायतों को सौंपे गए बांधों के जरिये सब्जी की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही ग्रामीण महिलाओं के सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के माध्यम से स्थायी आजीविका को संभव बनाने की पूरी तैयारी भी की गई है।

एसीसी और अदाणी फाउंडेशन ग्रामीण समुदायों के सहयोग से ठोस प्रयासों के माध्यम से स्थायी आजीविका, जल संरक्षण और कुशल जल उपयोग का समर्थन करने पर विशेष ध्यान देने के साथ ऐसी सफलता की कहानियों को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button