राजनीती

400 पार में रोड़ा बन गया पीएम मोदी का यह बयान 

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव, 2024 का पहला चरण बीत चुका था। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को बांसवाड़ा में भाजपा की चुनावी रैली थी। उस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के पुराने भाषण का हवाला देकर मुस्लिमों पर टिप्पणी की। पीएम ने कहा था कि पहले जब उनकी सरकार थी, तब उन्होंने कहा था देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्‌ठा करके किसको बांटेंगे, जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उन्हें बांटेंगे। घुसपैठियों को बांटेंगे। क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। आपको मंजूर है ये। पीएम मोदी के बयान को हेट स्पीच बताकर विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत भी की थी। हालांकि, मोदी का इशारा बांग्लादेशी घुसपैठियों की तरफ था। जानकारों का कहना है कि मोदी के इन्हीं मुस्लिम विरोधी बयानों ने ही भाजपा को बहुमत के 272 के आंकड़े और 400 पार के नारे से दूर कर दिया। 
इस मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन गिरि कहते हैं कि 44 दिनों तक चले चुनाव के सात चरणों के दौरान भाजपा का स्ट्राइक रेट 35 से 70 फीसदी तक रहा। सबसे ज्यादा गिरावट चौथे से सातवें चरण तक रही। पीएम मोदी ने मुस्लिम विरोधी बयान दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान दिया था। पहले चरण में भाजपा ने 77 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें भाजपा ने 30 सीटें जीती थीं। इसमें उसका स्ट्राइक रेट 39 फीसदी रहा था। भाजपा को पहले के तीन चरणों में 134 सीटें मिलीं, जबकि बाद के चार चरणों में सिर्फ 105 सीटें ही मिलीं। सूरत की 1 सीट पर भाजपा निर्विरोध जीती थी। दूसरे चरण के दौरान बीजेपी के स्ट्राइक रेट में इजाफा हुआ। यह 35 फीसदी बढ़कर 67 फीसदी हो गया। इस चरण में भाजपा ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और पार्टी को 47 सीटें मिली थीं। तीसरे चरण में भाजपा का स्ट्राइक रेट अपने चरम पर पहुंचा यानी यह 70 फीसदी हो गया। इसमें गुजरात की 26 में से वे 25 सीटें भी थीं, जो भाजपा के खाते में गई थीं।
जानकार बताते हैं कि चौथे चरण के बाद से भाजपा का स्ट्राइक रेट गिरता गया। बीच में थोड़ा जरूर उठा, मगर, सीटों के मामले में भाजपा को बाकी के चार चरणों में कम ही सीटें मिलीं। यह अहम वजह हो सकती है, क्योंकि चुनाव में एक धड़ा मोदी के इस बयान से काफी नाराज था। 400 पार के नारे से संविधान बदलने और दलितों का आरक्षण खत्म करने के विपक्ष के नरैटिव ने इसमें आग में घी डालने का काम किया। चुनाव नतीजों के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था किये बंटवारे की नकारात्मक राजनीति के खिलाफ, सौहार्द-भाईचारे और सकारात्मक राजनीति की जीत है। इंडिया गठबंधन की एकता की जीत है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button