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आरबीआई ने यूपीआई लाइट में एड किया ये फीचर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया है। आपको बता दें कि हर दो महीने में एमपीसी बैठक होती है। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर करते हैं।आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया। दास ने बताया कि यूपीआई लाइट (UPI Lite) में अब ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को इंटीग्रेड करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब है कि अब यूपीआई लाइट वॉलेट (UPI Lite Wallet) में ऑटोमैटिक बैलेंस एड हो जाएगा। यानी यूजर्स को बैलेंस एड करने की झंझट खत्म हो जाएगी।

आरबीआई ने छोटे डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए यह फैसला लिया है। वर्ष 2022 में आरबीआई ने यूपीआई लाइट लॉन्च किया था।वर्तमान में UPI लाइट में रोजाना 2,000 रुपये है एड कर सकते हैं। वहीं, सिंग्ल पेमेंट के लिए ऊपरी सीमा 500 रुपये है। यूपीआई लाइट यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का सिंप्लीफाइट वर्जन है।यह छोटे ट्रांजेक्शन के लेनदेन के लिए ऑन-डिवाइस वॉलेट के रूप में काम करता है। वर्तमान में यूपीआई लाइट में एक बार में अधिकतम 2,000 रुपये रख सकते हैं।

यूपीआई लाइट को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, अब ग्राहकों के लिए एक सुविधा शुरू करके इसे ई-मैंडेट ढांचे के तहत लाने का प्रस्ताव है ताकि यदि शेष राशि उनके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है तो वे अपने यूपीआई लाइट वॉलेट को स्वचालित रूप से भर सकें।उन्होंने यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि इससे छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान में आसानी होगी। डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने के लिए ई-मैंटेड जरूरी है।

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