बिलासपुर/ शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत जिन बच्चों का एडमिशन हुआ, उसकी 285 करोड़ राशि सरकार ने निजी स्कूलों को नहीं दी है। कोरोना के समय अपने माता-पिता को खो चुके 3300 बच्चों के भी 22 करोड़ रुपए बकाया हैं। दो साल बाद भी जब सरकार से राशि नहीं मिली तो अब स्कूल प्रबंधन पैरेंट्स पर दबाव बनाने लगा है। इधर, राज्य सरकार का कहना है कि जिन स्कूलों का सत्यापन नहीं हुआ है, उनकी राशि केंद्र सरकार से नहीं मिली है। केंद्र से राशि मिलने के बाद भुगतान किया जाएगा।
राज्य के 33 जिलों में करीब छह हजार निजी स्कूलों में 60 हजार बच्चों के आरटीई के तहत एडमिशन हुए हैं। इन बच्चों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च का भुगतान सरकार करती है। पिछले दो साल से निजी स्कूलों को भुगतान नहीं करने के बाद अब स्कूल प्रबंधन पैरेंट्स पर दबाव बनाने लगा है। एडमिशन के दौरान भी दिक्कतें आ रही हैं। निजी स्कूल संघ का कहना है कि उनकी ओर से मंत्री से लेकर विभाग के सभी अधिकारियों तक बात रखी जा चुकी है। इसके बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा।