बिलासपुर। ED द्वारा छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में EOW में दर्ज कराई गई FIR को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जहां एक ओर याचिकाकर्ता पूर्व आईएएस निरंजन दास व अन्य आरोपियों को गिरफ्तारी से दी गई छूट को बरकरार रखा है। वहीं अब इस मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद होगी, तब तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रदेश में कथित शराब घोटाले की जांच की थी, जिसमें होलोग्राम निर्माता कंपनी और राज्य सरकार के अफसरों के साथ मिलकर शराब कारोबारियों से अवैध वसूली करने का आरोप लगा है। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद इस मामले मे ईडी की जांच के आधार पर EOW ने केस दर्ज किया है।
आबकारी विभाग के पूर्व आयुक्त निरंजन दास और होलोग्राम निर्माता कंपनी के विधु गुप्ता की ओर से हाईकोर्ट में पेश याचिका में ये तर्क दिया गया है कि ईडी की ECIR को सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुकी है। इसके बावजूद ईडी की रिपोर्ट के आधार पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है, जो सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश का उल्लंघन है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट में राज्य शासन ने कहा था कि केस की अंतिम सुनवाई तक उनकी गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। मामले में पूर्व आईएएस निरंजन दास सहित अन्य आरोपियों को मिली अंतरिम राहत 2 जुलाई को होने वाली अंतिम सुनवाई तक जारी रहेगी। शासन की ओर से हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने पक्ष रखा।
इस केस के अन्य आरोपी पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर सहित अन्य आरोपियों ने भी ईओडब्ल्यू की एफआईआर को चुनौती दी है। इसमें भी एसीबी और ईओडब्ल्यू की एफआईआर को निरस्त करने की मांग की गई है। बुधवार को टुटेजा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ अग्रवाल और राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और उप महाधिवक्ता विवेक शर्मा ने बहस की। दोनों तरफ से बहस अधूरी रही, अब मामले में अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टी के बाद जून में होगी।