ITR दाखिल करते समय अगर नहीं किया ऐसा तो आएगा नोटिस और देना पड़ेगा जुर्माना…
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विशेषज्ञों की सलाह है कि आईटीआर भरने से पहले कुछ तैयारी अवश्य करें।
जैसे अपने सभी लेनदेन और कर कटौती का मिलान फॉर्म-16, AIS और फॉर्म 26एएस से जरूर करें। वेतनभोगियों को फॉर्म-16 इस माह तक मिल जाएगा। कुछ सावधानियां बरतकर टैक्स पेयर्स आयकर विभाग के नोटिस से बच सकते हैं।
सबसे पहले ये काम अवश्य करें
1. यदि आपने पैन और आधार को अभी तक लिंक नहीं किया है तो सबसे पहले इस काम को निपटाएं।
2. अगर चाहते है कि समय पर पूरा रिफंड मिले तो अपने बैंक में अपना मोबाइल और पैन नंबर की जांच कर लें। अगर त्रुटि है तो केवाई के लिए बैंक को लिखें।
इन गलतियों से बचें
1. गलत व्यक्तिगत जानकारी : आईटीआर फॉर्म भरते समय करदाता यह सुनिश्चित करें कि सभी व्यक्तिगत जानकारी जैसे-नाम, पैन, पता और बैंक खाते के विवरण फॉर्म में सही ढंग से भरे गए हैं।
2. गलत आईटीआर फॉर्म चुनना : करदाता के लिए आय के स्रोत और आय के प्रकार के आधार पर सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव ,करना जरूरी है। गलत फॉर्म भरने से दिक्कतें हो सकती हैं और जुर्माना लग सकता है।
3. आय की पूरी जानकारी न देना : वेतन, ब्याज से आय, किराये से आय, पूंजीगत लाभ सहित सभी तरह के स्रोत से मिलने वाली आय की जानकारी आईटीआर में जरूर दें। इसे छिपाने पर कर चोरी का जुर्माना लग सकता है।
4. टीडीएस को नजरअंदाज करना : नियोक्ता या कटौतीकर्ता की ओर से जारी किए फॉर्म 16 और 16-ए से टीडीएस के विवरण को आईटीआर में जरूर दर्शाएं। टीडीएस की सही जानकारी न देने पर जुर्माना लग सकता है।
5. निवेश और कटौतियों की अधूरी जानकारी : आयकर कानून की धारा 80सी, 80डी, 80जी के तहत योग्य कर लाभ का दावा करने के लिए सभी निवेशों, खर्चों और कटौतियों की सही-सही घोषणा करें। ऐसा न करने पर कर देयता बढ़ सकती है।
6. ब्याज से हुई आय को छिपाना : करदाता को बचत खाते, एफडी या अन्य स्रोत से अर्जित ब्याज की सही-सही जानकारी देनी चाहिए। ब्याज से अर्जित आय का खुलासा करना अनिवार्य है।
7. फॉर्म-26 एएस का मिलान नहीं करना : आईटीआर में भरे गए सभी विवरण का वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और फॉर्म 26 एएस के साथ जरूर मिलान करें। एआईएस ऐप को डाउनलोड कर इसे प्राप्त किया जा सकता है। इसमें आपके आय कर संबंधी जानकारियों का विवरण होता है।
8. समय पर आईटीआर फाइल न करना : आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख आपके कर वर्ग के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, इसलिए इसे ठीक से जांच लें। आईटीआर देर से फाइल करने पर जुर्माना लग सकता है।
9. आईटीआर को सत्यापित नहीं करना : आईटीआर को ऑनलाइन दाखिल करने के बाद, इसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से (ओटीपी या नेट बैंकिंग के माध्यम) सत्यापित अवश्य करें। इसके बिना प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। आईटीआर को विभाग के पते पर भेजकर भी सत्यापित किया जा सकता है।
10. जरूरी रिकॉर्ड न रखना : आय, निवेश और कर कटौतियों से संबंधित सभी दस्तावेज, रसीदों और सबूतों का रिकॉर्ड संभाल कर रखें। सत्यापन के लिए या भविष्य में किसी कर जांच के मामले में इनकी जरूरत पड़ सकती है।