समंदर में देवदूत बनी भारतीय नौसेना, कैसे हूती विद्रोहियों के चंगुल से छुड़ा लाए ऑइल टैंकर…
लाल सागर में इस समय हूती विद्रोहियों का आतंक है।
अकसर ईरान समर्थित हूती तेल के टैंकरों पर हमला कर देते हैं और पोतों को हाइजैक करने की भी कोशिश करते हैं। हालांकि भारतीय नौसेना हूती विद्रोही हों या फिर समुद्री लुटेरे, दोनों के लिए काल बनी हुई है।
भारत की तरफ बढ़ रहे ऑइल टैंकर शिप पर जब हूती विद्रोहियों ने मिसाइल से हमला किया तो तुरंत भारतीय नौसेना ऐक्टिल हो गई और शिप को सुरक्षित निकाल लिया।
भारतीय नौसेना के आईएनएस कोच्चि ने 30 क्रू मेंबर्स को भी सुरक्षित बचा लिया जिसमें से 22 भारतीय थे। जानकारी के मुताबिक सभी क्रू के सदस्य पूरी तरह सुरक्षित हैं।
बता दें कि मुसीबत में फंसे ऑइल टैंकर पर पनामा का ध्वज लगा हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना के विध्वंसक पोत ‘आईएनएस कोच्चि’ ने 26 अप्रैल को ‘एमवी एंड्रोमेडा स्टार’ नामक टैंकर पर हमले के बाद कार्रवाई करके त्वरित सहायता की और चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।
अमेरिकी मध्य कमान ने कहा कि ईरान समर्थित हूती चरमपंथियों ने यमन से व्यापारिक पोत ‘मैशा’ और ‘एमवी एंड्रोमेडा स्टार’ के आसपास लाल सागर में तीन पोत विध्वंसक बैलिस्टिक मिसाइल दागीं। पनामा के ध्वज वाला ‘एमवी एंड्रोमेडा स्टार’ सेशेल्स द्वारा संचालित पोत है।
अमेरिकी मध्य कमान ने कहा कि पोत को मामूली क्षति हुई है। भारतीय नौसेना ने कहा, ”समुद्री सुरक्षा से जुड़ी घटना का जवाब देने के लिए भारतीय नौसेना के विध्वंसक पोत आईएनएस कोच्चि को एक मिशन के तहत तैनात किया गया जिसमें 26 अप्रैल को पनामा के ध्वज वाले तेल टैंकर एमवी एंड्रोमेडा स्टार पर हुए हमले को लेकर कार्रवाई की गई।”
कैसे चलाया भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन
इसने कहा कि पोत को भारतीय नौसेना के पोत ने रोक लिया और स्थिति का आकलन करने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिए टोह ली गई। नौसेना ने एक बयान में कहा कि बल की एक विस्फोटक आयुध निपटान (ईओडी) टीम को भी जोखिम आकलन के लिए तैनात किया गया था।
इसने कहा कि 22 भारतीयों सहित चालक दल के कुल 30 लोग सुरक्षित बताए गए हैं और पोत अगले बंदरगाह के लिए अपनी निर्धारित यात्रा को जारी रखे हुए है।
बता दें कि बीते कुछ महीनों में ही भारतीय नौसेना ने पश्चिमी हिंद महासागर में कई व्यापारिक पोतों की मदद की है और क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचाया है।