US, यूरोप और नाटो मिलकर भी नहीं हरा पाए, उन्हें रूस की ताकत पता लग गई: व्लादिमीर पुतिन…
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन में रूस को हराना नामुमकिन है और ऐसे में NATO को भी स्वीकार कर लेना चाहिए कि यूक्रेन पर रूस का कब्जा हो गया है।
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर किए गए हमले का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों की मदद लेने के बाद भी रूस को हराया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा अमेरिका, नाटो और यूरोप को भी पता चल गया है कि रूस की ताकत क्या है।
बता दें कि पुतिन अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज के होस्ट ट्रकर कार्लसन को इंटरव्यू दे रहे थे। कार्लसन पश्चिमी मीडिया के जाने-माने चेहरे हैं।
क्या एक और युद्ध छेड़ना चाहते हैं पुतिन?
अपने दो घंटे के इंटरव्यू के दौरान कार्लसन ने पुतिन से कई सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या रूस पोलैंड और लातविया पर भी हमला करने की योजना बना रहा है।
इसपर राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, पौलैंड और लातविया में मेरी कोई रुचि नहीं है। ये दोनों देश ही नहीं, हमें किसी और देश में कोई रुचि नहीं है। हम हमला क्यों करेंगे? युद्ध एक ही स्थिति में हो सकता है।
अगर पोलैंड हमला कर दे तो रूस को जवाब देना पड़ागा। बता दें कि पोलैंड और लातविया भी नाटो के सदस्य देश हैं।
कार्लसन ने एक वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर इवान गेरशकोविच के बारे में भी सवाल किया कि क्या उन्हें रिहा किया जा सकता है। इसपर पुतिन ने कहा, इस मामले को सुलझाने में कोई दिक्कत नहीं है।
हम चाहते हैं कि इसका कोई समाधान निकले और स्पेशल चैनल के जरिए बात चल भी रही है। जल्द ही इसका समाधान निकलना चाहिए।
बता दें कि रिपोर्टर को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि जासूसी की बात वॉल स्ट्रीट जर्नल ने भी खारिज की थी।
पुतिन ने कहा, अब तक खूब शोर किया जा रहा था कि रूस को हराने के लिए कई देश मिलकर रणनीति तैयार कर रहे हैं।
अब उन्हें भी वास्तविकता का पता चल गया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के शासनकाल में भी अमेरिका यूक्रेन की खूब मदद करता था।
पुतिन ने कहा, अमेरिका बार-बार कहता है कि युद्ध रुकना चाहिए। लेकिन वास्तव में अगर वह चाहता है कि युद्ध रुक जाए तो उसे यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई बंद कर देनी चाहिए।
वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के बारे में भी बात करते हुए पुतिन ने कहा, ऐसा लग रहा है कि वहां परिवर्तन होने वाला है।
उन्होंने ट्रंप को लेकर कहा कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो 24 घंटे में युद्ध का समाधान निकालने की क्षमता रखते हैं।