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पति के शव को बनाया ‘ममी’, 4 सालों तक उसके साथ सोती रही महिला; देवता को खुश करने गुप्त अनुष्ठान भी किए…

एक महिला ने 2020 में अपने पति की मौत के बाद उसके शव को ममी बनाया और फिर उसके साथ लगभग चार साल तक सोती रही।

उसने पति की लाश के साथ वो सबकुछ किया मानो वह जिंदा हो। रिपोर्ट के अनुसार, महिला ने देवता को खुश करने के लिए गुप्त अनुष्ठान भी किए।

महिला चार बच्चों की मां बताई जा रही है। उसने इन चार सालों में रस्म के दौरान अपने बच्चों को डराया था कि यह बात किसी को न बताए। बात न मानने पर उन्हें अनाथ आश्रम या पागलखाने भेजने की धमकी दी।

घटना रूस की बताई जा रही है। महिला का नाम स्वेतलाना (50) है। यह महिला चार बच्चों की मां है। समाचार साइट 78.ru के अनुसार, दिसंबर 2020 में घरेलू विवाद के बाद उसके पति व्लादिमीर (49) बेहोश हो गया था और उसकी मौत हो गई थी।

स्वेतलाना ने देखा कि उसका पति चार घंटे तक फर्श पर बेसुध पड़ा है। पहले उसे लगा कि वह नाटक कर रहा है। कुछ घंटों बाद ही उनकी बड़ी बेटी को संदेह हुआ कि कुछ गड़बड़ है। जब जांच की तो मालूम हुआ कि उसके पति की मौत हो गई है।

बच्चों को धमकाया
न्यूयॉर्क टाइमस की रिपोर्ट में कहा गया है, “महिला ने अपने पति के शव को कंबल में लपेटा और उसे अपने कमरे में ले गई। फिर उसने अपने बच्चों को उनके पिता के बारे में सवाल पूछने से मना कर दिया।”

फिर उसने पति की लाश को ममी में बदला और फिर अपने बेडरूम में रख दिया। महिला लगभग चार सालों तक पति की लाश के साथ सोती रही। उसने अपने बच्चों को चेतावनी देती थी कि वे किसी को न बताएं, अन्यथा उन्हें अनाथालय या पागलखाने में भेज देगी।

राज कैसे खुला
मामला पिछले गुरुवार को तब खुला जब एक सामाजिक कार्यकर्ता स्वेतलाना के बच्चों – 11 साल के जुड़वां लड़के और आठ और 17 साल की दो लड़कियों का हालचाल जानने के लिए घर पहुंचा था। जब उसे बच्चों की बातों से संदेह हुआ तो उसने पुलिस को फोन पर बुला लिया।

घर की तलाशी ली गई, तो पुलिस को कई गुप्त वस्तुएं मिलीं, जिनमें ममीकृत पति के पैरों पर मिस्र का क्रॉस, टैरो कार्ड, ताबीज और जानवरों की खोपड़ी मिली।

पकड़ी गई तो बताया सच
स्वेतलाना ने पुलिस को बताया कि उसने यह सबकुछ मिस्र के देवता को खुश करने के लिए किया था।

उसने कहा कि उसके पति की भी यही इच्छा थी कि उसके मरने के बाद उसके शव को संरक्षित करके गुप्त अनुष्ठान किए जाएं।

पुलिस अब महिला के मानसिक स्वास्थ्य की जांच कर रही है। साथ ही बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का भी मूल्यांकन किया जा रहा है।

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