देश

केरल सबसे बीमारू राज्य, खुद मार रहा पैर पर कुल्हाड़ी; केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया…

सुप्रीम कोर्ट में केरल राज्य की याचिका पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा है कि वह आर्थिक रूप से सबसे बीमारू राज्यों में शामिल है।

केरल सरकार ने आरोप लगाया था कि राज्य की वित्तीय व्यवस्था में हस्तक्षेप करके केंद्र उसे गंभीर नुकसान की ओर धकेल रहा है।

याचिका में कहा गया था कि किसी भी राज्य के पास उसे अपने बजट और उधारी के माध्यम से आर्थिक व्यवस्था देखने का अधिकार होता है। वहीं केंद्र सरकार ने ऐसे नियम बनाए हैं जिससे राज्य गरीबी की ओर जा सकता है। 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केरल अपने गलत प्रबंधन की वजह से ही आर्थिक समस्या का सामना कर रहा है और आर्थिक रूप से सबसे बीमारू राज्यों में शामिल है।

केंद्र ने कहा कि केरल के वित्तीय प्रबंधन में बहुत खामियां हैं।

केरल अपनी उधार लेने की सीमा इसलिए नहीं बढ़वाना चाहता कि उसे कोई विकास का कार्य करना है बल्कि वह रूटीन जिम्मेदारियों को निपटाने के लिए कर्ज चाहता है। 

केंद्र ने कहा कि राज्य की जीएसडीपी की तुलना में देनदारी लगातार बढ़ रही है। 2018-19 में यह 31 फीसदी थी जो कि दोसाल में ही बढ़कर 39 फीसदी हो गई।

वहीं अन्य राज्यों की औसत देनदारी 30 फीसदी के आसपास ही है। केंद्र ने कहा, केरल की भारी देनदारी की वजह से इसे ब्याज का बोझ भी बर्दाश्त करना पड़ रहा है।

इस वजह से केरल राज्य कर्ज के जाल में फंस रहा है और राज्य का घाटा बढ़ रहा है। 

केंद्र ने कहा कि राजस्व की तुलना में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला खर्च भी बढ़ा है। यह 2018-19 में 74 फीसदी था जो कि अब बढ़कर 82 फीसदी हो गया है।  

ऐसे में कर्ज लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर राज्य लंबे समय के कर्ज जाल में फंस रहा है। यह आर्थिक संकट  जल्दी खत्म नहीं होने वाला है।

राज्य का राजस्व घाटा सबसे ज्यादा है। राज्य किसी प्रोडक्टिव स्कीम में पैसा लगाने की जगह रूटीम काम के लिए कर्ज लेना चाहती है जिसमें सैलरी, पेंशन और ब्याज का भुगतान शामिल है। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button