आंख और नाक, इंसान जैसी काया; गगनयान से पहले किसे अंतरिक्ष में भेज रहा इसरो…
चंद्रयान-3 की अपार सफलता के बाद इसरो दुनिया के दिग्गज अंतरिक्ष एजेसियों में अपना नाम सुनहरे अंकों में दर्ज करवा चुका है।
चांद पर फतह हासिल करने के बाद इसरो की अंतरिक्ष उड़ान अभी और ऊंची जाने को तैयार है। सूर्य मिशन के बाद अब गगनयान मिशन की तैयारी चल रही है।
यह भारत का पहला मानवयुक्त मिशन होगा। लेकिन, इससे पहले इसरो एक महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी पूरी कर चुका है।
इंसान जैसी काया और आंख-नाक वाली इस महिला रोबोट का गगनयान से पहले अंतरिक्ष में जाना मिशन के लिए बहुत जरूरी है।
इस साल की तिमाही तक इसके अंतरिक्ष में उड़ान भरने की उम्मीद है। इसरो इसे गगनयान से पहले सबसे अहम कदम मानकर चल रहा है। खुद इसरो चीफ एस सोमनाथ कह चुके हैं कि 2024 गगनयान की तैयारियों का वर्ष है।
भारत की महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्रा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन से पहले अंतरिक्ष में उड़ान भरेगी।
भारत का गगनयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर उड़ान भरने वाला देश का पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान है, जो 2025 में लॉन्च किया जाना है।
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि व्योममित्र मिशन इस साल की तीसरी तिमाही के लिए निर्धारित है।
व्योममित्र क्या है
भारतीय महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र का नाम संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बनाया गया है। व्योम का अर्थ है अंतरिक्ष। और दूसरा है मित्र।
सरल शब्दों में समझें तो व्योममित्र वह जो आम इंसानों के बजाय अंतरिक्ष को ज्यादा बेहतर तरीके से जानता है। इसलिए इसका नाम अंतरिक्ष मित्र है।
गगनयान मिशन से क्या लिंक
गगनयान मिशन के लिए व्योममित्र की बेहद अहम भूमिका है। यह अंतरिक्ष में हर तरह के मानव कार्यों का अनुकरण करेगी। ये अंतरिक्ष में पर्यावरण नियंत्रण और जीवन समर्थन प्रणाली के साथ भी काम करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, रोबोट अंतरिक्ष यात्री गगनयान मिशन के मॉड्यूल मापदंडों की निगरानी कर सकता है, उसे अलर्ट जारी कर सकता है और जीवन-समर्थन संचालन को अंजाम दे सकता है।
यह छह पैनलों को संचालित करने और प्रश्नों का जवाब देने जैसे कार्य भी कर आसानी से सकता है।
गगनयान से पहले टेस्टिंग
गौरतलब है कि 2025 में गगनयान मिशन के प्रक्षेपण से पहले, पहला परीक्षण वाहन उड़ान 21 अक्टूबर, 2023 को पूरा किया गया था।
इसका उद्देश्य क्रू एस्केप सिस्टम और पैराशूट सिस्टम की योग्यता को परखना था। प्रक्षेपण यान की मानव रेटिंग पूरी हो गई है। सभी प्रणोदन चरण योग्य हैं, और सभी तैयारियां हो चुकी हैं।