तेजस्वी कुछ नहीं करते थे, मैं वहीं वापस आया जहां था, फिर CM बनते ही बदले नीतीश के तेवर; INDIA पर भी खूब बरसे…
बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर से भाजपा के सपोर्ट से मुख्यमंत्री बन गए हैं।
उन्होंने 9वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बिहार की बदलते सियासी बयार के बीच आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था।
रविवार शाम तेजस्वी यादव ने कहा कि जेडीयू 2024 में खत्म हो जाएगी। तेजस्वी यादव के इस बयान का जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि तेजस्वी कुछ नहीं कर रहे थे।
2024 में जेडीयू खत्म हो जाएगी: तेजस्वी
रविवार को एएनआई से बातचीत में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि जेडीयू 2024 तक खत्म हो जाएगी।
राजनीतिक दल के रूप में अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। उन्होंने राज्य में और राजनीतिक घटनाक्रमों का भी संकेत दिया और कहा कि ‘खेल अभी शुरू होना बाकी है।’ नीतीश कुमार को थका हुआ सीएम बताते हुए पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, “खेल अभी शुरू हुआ है, खेल अभी बाकी है। मैं जो कहता हूं, करता हूं…मैं आपको लिखित में दे सकता हूं कि जेडीयू पार्टी 2024 में खत्म हो जाएगी। जनता हमारे साथ है।”
तेजस्वी कुछ नहीं करते थे: नीतीश
अपने शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने पटना में संवाददाताओं के सावल का जवाब दिया।
नीतीश कुमार से तेजस्वी के बयान के बारे में पूछा गया तब उन्होंने ने कहा, “हम बिहार के विकास और प्रगति के लिए काम करते हैं। हम यही करते रहेंगे। तेजस्वी कुछ नहीं कर रहे थे। अब मैं वहीं (एनडीए में) वापस आ गया हूं जहां पहले था और अब कहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता।”
नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ली। पटना के राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी।
नीतीश कुमार के साथ भाजपा के नेताओं विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी और प्रेम कुमार ने भी मंत्रिपद की शपथ ली।
जेडीयू नेता विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की अगुवाई वाले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित सिंह ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
नीतीश ने साधा इंडिया पर भी निशाना
नीतीश कुमार ने दिन में यह कहते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था कि बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में उनके लिए चीजें ठीक नहीं चल रही हैं।
इसी के साथ उन्होंने भाजपा के सहयोग से नयी सरकार बनाने का दावा भी पेश किया था। लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था।
महागठबंझन ने किया बहिष्कार
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। कुमार के पूर्व सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया, जबकि एक अन्य पूर्व सहयोगी कांग्रेस भी अनुपस्थित रही।
2000 में पहली बार सीएम बने थे नीतीश
जेडीयू सुप्रीमो ने 2000 में राज्य के मुख्यमंत्री पद की पहली बार शपथ ली थी, लेकिन उनकी सरकार एक सप्ताह के भीतर ही गिर गयी थी।
उन्होंने मई 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन आठ महीने बाद ही जीतन राम मांझी को हटाकर उन्होंने नवंबर 2015 में मुख्यमंत्री के रूप में वापसी की।
उस समय जद(यू), राजद और कांग्रेस गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी। उन्होंने 2017 में भाजपा के साथ नयी सरकार बनाने के लिए इस्तीफा दे दिया था।
वह 2020 के विधानसभा चुनाव में फिर मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने जीत हासिल की थी, जबकि जदयू ने खराब प्रदर्शन किया था।